सौम्या का धैर्य देख मुझे अपनी माँ से और प्यार हो गया।
माँ किसको कहते हैं
इसको महसूस किया है मैंने
और माँ को क्यों पूजते हैं
इसको भी जान लिया है मैंने
कितने धैर्य से सहेजती है नारी
अपने मातृत्व के पल
कुछ यूँ ही जैसे
सूर्य की एक किरण
हर लेती है सारा अंधकार
वैसे ही एक किलकारी में
भूल जाती है माँ अपने
सारे संताप
जीवन में चाहने वाले मिलेंगे अनेक
उन सब में माँ का प्यार है सर्वश्रेष्ठ
मेरी माँ का मेरी नानी की प्रति प्यार देखा है मैंने
बिटौनी की आवाज़ पर माँ को सेवा में तैनात देखा है मैंने
और नानी के जाते ही माँ को एक दम से बूढ़ा होते देखा है मैंने
ना जाने वो कौन सी जीवनी शक्ति है कि माँ के होते बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते
आज नज़दीक से इस प्रेम सूत्र को देख पाया हूँ
सभी माँओं को शत शत नमन 💐💐💐